जीवन एक संगीत है, उसके सभी तार ठीक रखो, नहीं तो उस का साज बिगड़ जायगा
-मदन मोहन मालवीय
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हिन्दी लिखने में कोई कठिनाई नहीं, वह तो हम सबकी मातृभाषा है। जो कुछ मित्रों से या घर में बोलें यदि वही देवनागरी में लिख लें तो लिखना आ गया। -आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी