ब्राह्मण जो कुछ भी जानते हैं उसे सिखाकर, जो ज्ञान अनुभव उन्होंने प्राप्त किये हैं उसे दान देकर, भारतवासियों को उन्नत बनाने में सचेष्ट रहे। साँसारिक कार्यों में ही लगे रहना यथार्थ ब्राह्मण का कार्य नहीं है।
-स्वामी विवेकानन्द