जिसे शाँति की तलाश है उसे अपने भीतर निगाह दौड़ानी चाहिए। -महात्मा गाँधी
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अच्छी बातें जहाँ से मिलें वहाँ से ग्रहण करना चाहिए और अपनी बुराइयों को बिना किसी पक्षपात के छोड़ देना चाहिए। -ला. लाजपतराय