कठोर कार्य ही चरित्र को सहनशील, सहिष्णु, वीर, बलवान बनाने के लिए ईश्वर द्वारा भेजे जाते हैं।
-लोकमान्य तिलक
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जिस शख्स को जातीय इज्जत और आत्म-सम्मान का ध्यान नहीं है, वह मनुष्य नहीं पशु है।
-ला. लाजपतराय
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राष्ट्र के हित की वृद्धि में लगे रहना ही देवताओं की उपासना करना है।
-स्वामी रामतीर्थ
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यदि तुम चाहते हो कि तुम्हारा कोई विरोध न करे तो मन को हमेशा शाँत रखो और हृदय में पवित्र विचारों को स्थान दो। -स्वामी रामतीर्थ