Quotation

June 1942

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

तुम्हारे जीवन के जो क्षण व्यतीत हो रहे हैं, उनको सादे और मीठे, पवित्र और सुन्दर, श्रेष्ठ और आशायुक्त उच्च और दृढ़ महत्वाकाँक्षा पूर्ण, प्रेममय विचारों से भरो।

*****

एक भी दिन अपनी ज्ञान राशि में कुछ न कुछ वृद्धि किये बिना मत व्यतीत होने दो कि तुमने अपनी मानसिक तथा आध्यात्मिक शक्तियों में कुछ उन्नति की है।

*****

आदमी का जैसा मन होता है, वैसा ही उस का बाह्यरूप होता है, वास्तव में मन ही आदमी को बनाता है।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here: