Quotation

March 1940

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जो एक दूसरे को प्रेम करते हैं या प्रेम का व्यवहार करते हैं उनके अन्दर निःसंदेह प्रेम है। भक्त लोग कहते हैं कि ईश्वर प्रेममय है इसलिए जिसने दूसरों के साथ प्रेम करना सीख लिया उसने उस महान आत्मा (परमात्मा) को प्राप्त कर लिया।

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यदि तुम्हें किसी कार्य में कर्त्तव्य का ज्ञान नहीं है और तुम्हारी बुद्धि में भ्रम पैदा हो गया हैं तो प्राचीन महापुरुषों के पद चिन्हों पर चलो यही मार्ग ईश्वरीय मार्ग है। यह तुम्हें ईश्वर से मिला देगा।


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