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March 1940

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हम त्रिविध दुखों से दुखी रहते हैं इनसे बचने के उपाय ढूंढ़ा करते हैं और निराश होते रहते हैं। क्या आपने सोचा कि ईश्वर की शरणागत होना हजार उपायों का एक उपाय है क्योंकि उसका धर्म ही प्रत्येक प्राणी के साथ भलाई करना है। इसलिए उसी की शरण में जाओ वही सच्चा शान्ति निकेतन है।


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