ईमानदारी को मत छोड़ना!

October 1942

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तुम्हारा मन जब ईमानदारी को छोड़ कर बेईमानी की तरफ चलने लगे तो समझना कि तुम्हारा सर्वनाश निकट आने वाला है। बेईमानी से पैसा मिल सकता है पर देखो, सावधान रहना! उस पैसे को छूना मत!! क्योंकि वह आग की तरह चमकीला तो है पर छूने पर जलाये बिना रह नहीं सकता। क्या तुमने किसी बेईमान की सन्तान को फलते-फूलते देखा है? ईमानदारी से चाहे थोड़ी ही सम्पत्ति भले ही कमाई जाय पर वह कई पीढ़ियों तक कायम रहेगी और बढ़ती रहेगी, जबकि बेईमानी का पेड़ आँधी के एक ही झोंके में उखड़ जाता है। वह एक दिन अवश्य उन्नति करेगा, जो दूसरों के लाभ को अपने ही लाभ की तरह देखता है। यह मत समझो कि ईमानदार को भोंदू और गरीब को अकर्मण्य समझा जायगा। मूर्ख ही ऐसा ख्याल कर सकते हैं। विवेकवानों की दृष्टि में न्यायशील और ईमानदार आदमी ही बड़ा समझा जाएगा। फिर वह चाहे भले ही गरीब है।


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