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October 1942

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कोयल आम्र-पीयूष पीकर भी घमंड नहीं करती है। मूर्ख मण्डूक नालों के गंदे जल को पाकर ही गर्जना करने लगता है।

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मन की अभिलाषा तप करने से पूर्ण होती है। वृद्धों की सेवा से बुद्धि बढ़ती है। मित्र अधिक करने से सुख प्राप्त होता है। धर्म पर दृढ़ रहने से स्वर्ग मिलता है।

लोक सुख लेखमाला-


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