दुनिया को मत बाँधो—अपने को बाँध लो। अपनी इन्द्रियों को वश में कर लो तो तुम विजयी कहलाओगे। अपनी इन्द्रियों की रखवाली वैसे ही करो, जैसे एक कर्त्तव्यनिष्ठ सिपाही खजाने के दरवाजे की रक्षा करता है। यदि चोरों को अवसर मिलेगा तो वे इन्हीं दरवाजों से घुस पड़ेंगे और सारा खजाना खाली कर देंगे। इसलिये खबरदार! दरवाजों पर गफलत न होने देना। इन्द्रियों पर पाप का कब्जा न होने पावे, वरना धर्म का खजाना खाली हो जायगा। मन के संयम से स्वर्ग मिलता है किन्तु अनियन्त्रित इन्द्रियाँ तो नरक की ओर ले दौड़ती हैं। क्या तुम नहीं जानते कि उत्तम स्वास्थ्य दीर्घजीवन, दिव्य बुद्धि और साँसारिक संपदायें इन्द्रिय-निग्रह से ही मिलते हैं। जिसने अपने ऊपर काबू पा लिया है वह हर परिस्थिति में पर्वत की तरह स्थित बना रह सकता है।