कृतज्ञता प्रकाशन

April 1942

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अनेक सहृदय और विचारवान सज्जनों ने केवल निस्वार्थ भाव से अखंड ज्योति की सहायता एवं सद्-विचारों के प्रचार को कर्तव्य-धर्म समझ कर ग्राहक बढ़ाने में सहायता की है। इन महानुभावों का अखंड ज्योति हृदय से अभिवादन करती है, एवं अन्य सज्जनों से आशा करती है कि इनका अनुमान करके अखंड ज्योति के महान् मिशन की पूर्ति में सहायता करें;

नाम कितने ग्राहक बने

श्री जगन्नाथ राव नायडू, नागपुर 40

श्रीमती विष्णुकुमारी देवी, लखनऊ 7

पं0 रामेश्वरानद शर्मा, लाल बाग, बंबई 9

पं0 जगन्नाथप्रसाद शर्मा, अध्यापक, बाय 5

आचार्य रामनारायण जी शास्त्री, नुनहाड़ 4

मास्टर रुद्रबहादुर श्रेष्ठ, चालाछे नेपाल 5

वानप्रस्थी श्री मुरली जिज्ञासु, अजीतमल 6

श्री मंगलचंद जी भंडारी, अजमेर 4

नाम कितने ग्राहक बने

श्री भगवानसिंह गौतम, अध्यापक, सितलता 2

श्री प्रेमनारायण शर्मा, कानूनबर, अमाह 3

श्री धर्मपालसिंह जी, रुड़की,7

श्री देवकीनन्दन माहेश्वरी, मोरेना 3

पं0 हरिप्रसाद जी भोझा, ‘प्रेम’ अलीगढ़ 3

पं0 ऋषिराम शुक्र ताल्लुकेदार, शाहपुर 8

श्री रामस्वरूप जी ‘अमर’, तालवेहट 2

श्री गोवर्द्धनजी मोदाणी, भारवाड़ मुँडवा 2

(शेष नाम अगले अंक में छपेंगे)

प्रतीक्षा करने योग्य अगले तीन अंक


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