पंडित जवाहर लाल नेहरू कार से कहीं जा रहे थे। खिड़की से सिर बाहर निकाल कर देखा कि एक लड़का बस से टकराकर सड़क पर गिर पड़ा है और खून से लथपथ है।
पंडितजी ने अपनी कार रुकवाई और उस लड़के के पास गए। वहाँ पर काफी लोग उस लड़के को घेरे खड़े थे। पंडित जी को देखते ही उन्होंने जय-जयकार शुरू कर दी। वह पास में खड़े लोगों पर बरस पड़ें- जय-जय क्या चिल्ला रहे हो, तुम्हें इस बच्चे को अस्पताल ले जाते हुए शर्म आ रही है, इतना कह कर उन्होंने अपनी कार में उस लड़के को लिटाया और अस्पताल ले गये, इसके बाद ही वह पूर्व निर्धारित स्थान की ओर रवाना हुए।