वेद में कहा है हे अग्नि देव हमें सरल सुपथ से ले जाओ बुरे रास्ते से नहीं। केवल बाह्य समृद्धि नहीं चाहिये सुपथ चाहिये इसी पर चलकर अपनी अंतः शक्तियां जाग्रत होती है उनकी अभिव्यक्ति लौकिक व्यवहार में बन पड़ती है। इंजील में कहा? हे प्रभु हमें सीधी राह चाहिये। गलत राह से हम अपने मुकाम पर नहीं पहुंचेंगे। ऐसा भान होगा। कि हम स्वर्ग में पहुँचे है लेकिन असल में तो हम नरक में पहुँच जायेंगे।