किसी से लुकमान से पूछा, “आपने शिष्टता कहाँ से सीखी” “अशिष्टों से। लुकमान ने उत्तर दिया। कारण कि अशिष्ट व्यवहार करने वालों की बुरी बातों से मैं दूर रहने लगा व इस तरह एक के बाद एक बुराई मुझ से दूर होती गई”। मानवी जीवन में आधी गलतियाँ तो केवल मात्र इसलिए हो जाता हैं कि जहाँ हमें विचार से काम लेना चाहिए वहाँ हम भावना से काम लेते हैं और जहाँ भावना की आवश्यकता रहती है वहाँ विचारों को अपनाते हैं । -इमर्सन