स्वामी रामतीर्थ जापान गये। उन्होंने एक घर में गमला में देवदारु के पेड़ उगे देखे। यों तो वे छोटे और पतले थे पर तने देखने में पुराने मालूम पड़ते थे।
घर मालिक से उनने पूछा- यह पौधा कितने दिन का है-उसने उत्तर दिया दस वर्ष का। भारत में दस वर्ष में देवदारु का पेड़ बहुत मोटा और लम्बा हो जाता है फिर यह इतना छोटा कैसे रहा ये स्वामी जी ने फिर शंका की।
उस जापानी ने हँसते हुए कहा हम हर साल नीचे से इसकी जड़े काट देते हैं। अस्तु यह बढ़ नहीं पाता और छोटा ही बना रहता है।
स्वामी रामतीर्थ ने उपस्थित साथियों से कहा-इस पेड़ की तरह यदि मनुष्य को भी जड़े फैलाने का अवसर न मिले तो वह भी छोटा ही रह जाता है।