इंग्लैण्ड के लंकाशावर अथर में एक ऐसा गिरजाघर बनाने की बात सोची गई, जो विश्व में अद्वितीय हो। नगरपालिका के मेयर ने उसके लिये यथेष्ट धन दिया और गिरजाघर बनने लगा बहुत सुन्दर गिरजाघर बनकर तैयार हो गया। दर्शक वाह वाह कर उठते थे। दूर दूर से भक्त गण दर्शनार्थ आने लगे। एक दिन नगरपालिका की बैठक बुलाई गई। वह प्रमाणित करना था कि गिरजाघर विश्व के सब गिरजाघरों से भव्य और सुन्दर है। सभा प्रारम्भ हुई, एक सदस्य ने उसे अनावश्यक लम्बा बताया। दूसरे ने चौड़ाई की टीका की। किसी ने कहा गिरजाघर पूर्वी शैली पर होता तो और सुन्दर होता।
बहस बराबर चलती रही पर कोई सर्वसम्मत निष्कर्ष नहीं निकला। एक दिन मेयर वहाँ पहुँचे और बोले-आप लोग इतने महीनों से वाद विवाद में लगे हो, समय बरबाद करते हो। तुमसे अच्छे तो यह भक्त ही है, जो जितना है उतने का ही आनन्द लूट रहे है।
कहते है इस गिरजाघर का यह विवाद अभी तक भी समाप्त नहीं हुआ है।