देवालय तो सबके लिये पवित्र है।
नारी सम्मान सबका परम कर्तव्य है।
देश और धर्म भिन्न नहीं है।
बुद्धि नहीं, भावना हो जोड़ती है।
संख्या नहीं, शक्ति हो जीतती है।