मूर्ख बादशाह

February 1969

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ईरान के बादशाह ने एक नगर पर चढ़ाई कर दी और उसे चारों ओर से घेर लिया और आज्ञा प्रसारित कर दी- प्रातःकाल सब स्त्रियाँ अपने कीमती आभूषण लेकर अमुक स्थान पर पहुँच जायें। मनुष्य एक भी नहीं निकलना चाहिये।”

नगर में हलचल मच गई। प्रातःकाल सब स्त्रियाँ कुछ छोटे, कुछ बड़े गट्ठर लिये उस स्थान पर एकत्रित हुई। बादशाह को सन्देह हुआ गठरियों में और कुछ है। उसने सबके गट्ठर खुलवाये तो उनमें आदमी निकलें। बादशाह ने कड़ककर पूछा क्या, यही तुम्हारे आभूषण हैं? एक वृद्धा ने कहा-महाराज हमारे लिये पति ओर पुत्रों से बढ़कर कोई और सम्पत्ति नहीं-सोना-चाँदी तो मिट्टी है।”

बादशाह ने विचार किया जहाँ महिलायें इतनी कर्तव्य परायण हों, उन्हें वहाँ अधिकार नहीं जमाया जा सकता, वह चुपचाप सेना लेकर लौट गया।


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