चरित्रवान और संगठित नागरिक

February 1969

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लुई चौदहवें ने अपने साम्राज्य का खूब विस्तार किया। उसकी इच्छा इंग्लैण्ड को हड़पने की थी। उसने उसे जीतने की कई बार योजना बनाई पर कोई सफलता न मिली। एक दिन उसने अपने मंत्री कालवर्ट से कहा-अभी तक छोटे से हालैण्ड को नहीं जीता जा सका, यह हमारे लिये लज्जा की बात है।” कालवर्ट ने नम्रतापूर्वक उत्तर दिया-श्रीमान! चरित्रवान और संगठित नागरिकों के देश कठिनाई से जीते जाते है, भले ही उनकी संस्था चौड़ी हो।”


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