कुत्ते की दयालुता

February 1969

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गरहुल (उत्तराकाशी ) में एक बिल्ली का बच्चे अपनी माता से भटक गया। दो तीन कुत्तों ने उसे घेर लिया। अभी वह इस बच्चे को दबोचना ही चाहते थे कि गाँव के जमींदार रामसिंह का कुत्ता झपट पड़ा और उसने सभी कुत्तों को मार भगाया। बच्चा अपने संरक्षक के प्रति पूँछ उठाकर कृतज्ञता प्रकट करने लगा। कुत्ते को दया आ गई वह असहाय बच्चे को उठाकर ले आया और मालिक की कोठी के पिछवाड़े उसे सुरक्षित रख दिया। जब तक बच्चा बड़ा नहीं हो गया, कुत्ता उसकी बराबर देख रेख करता रहा और भोजन की व्यवस्था भी करता रहा। बड़ा हो जाने पर भी दोनों साथ साथ घूमते हैं। शाम को तो दोनों इकट्ठे ही रहते हैं। दोनों एक दूसरे का बहुत ध्यान रखते हैं।


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