‘मित्र’ शब्द ‘मा’ धातु से बना है। जिसका अर्थ है मापना, इसलिए मित्र का अपभ्रंश ‘मीटर’ शब्द भी इसी अर्थ का वाचा है। जैसे- थर्मामीटर (धर्ममित्र) अर्थात् तापमापक यन्त्र वाटोमीटर (भारमित्र) भारमापक यन्त्र, ज्योमीटर(गोमित्र) अर्थात् भूमिति शास्त्र को जानने वाला, ज्योमिट्री गोमित्रीवध इत्यादि।
वेद के कोश निघण्टु में घृत भी जल का नाम है। घृत अर्थात् जल का अंचन अर्थात्, निमार्ण करने वाली।