गायत्री महाविद्या के नौ ग्रन्थ रत्न

October 1950

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गायत्री महाशक्ति की साधना एक महत्वपूर्ण विद्या है। जैसे बिजली का विज्ञान जाने बिना कोई आदमी बिजली उत्पन्न करने की मशीन चलाने लग जाय तो यह एक खतरनाक बात होगी। डाक्टरी पढ़े बिना जो आदमी आपरेशन करने लग जाय वह कोई अच्छा परिणाम उत्पन्न नहीं कर सकता। इसी प्रकार गायत्रीमहाविद्या को भली प्रकार जानने के बाद ही साधना करनी चाहिए।

गायत्री महाशक्ति की अत्यन्त आवश्यक जानकारियाँ और साधना विधियाँ इतनी विस्तृत एवं विशद हैं कि उन्हें चिट्ठी-पत्री की दस-बीस लाइनों में किसी को समझना या समझाना असंभव है। इसलिए गायत्री विद्या का अत्यन्त आवश्यक विज्ञान, विधान, साधना एवं समाधान पुस्तकों के रूप में प्रकाशित कर दिया है। दो हजार आर्ष ग्रन्थों के निचोड़ स्वरूप बीस वर्षों में लिखी गई सुन्दर, सस्ती, अनुभव पूर्ण एवं सच्चा पथ प्रदर्शन करने वाले गुरु जैसी पुस्तकों की एक एक प्रति हर गायत्री प्रेमी के पास होना आवश्यक है।

गायत्री महाविज्ञान (प्रथम भाग)- गायत्री विद्या की वैज्ञानिक एवं तात्विक जानकारी, गायत्री और बातचीत का संबंध, साधना के आवश्यक नियम, गायत्री महामंत्र की सिद्धि, गायत्री साधना, गायत्री से पापों का प्रायश्चित, गायत्री साधकों के अनुभव, गायत्री द्वारा स्वर्ग एवं मुक्ति की प्राप्ति, गायत्री का अधिकार, शापमोचन, उत्कीलन, नित्य उपासना, ध्यान, गायत्री प्राणायाम, अनुष्ठान, पुरश्चरण, ऋषि सिद्धियों का योग, अनेक कठिन प्रयोजनों में गायत्री के अनेक प्रयोग, माता का साक्षात्कार, स्त्रियोपयोगी साधनाएं, गायत्री तप, गायत्री का अर्थ, कुंडलिनी जागरण, आदि अनेक महत्वपूर्ण विषयों का विस्तृत वर्णन है। मू. 3॥)

गायत्री महाविज्ञान (द्वितीय भाग)- गायत्री माहात्म्य, गायत्री गीता, गायत्री स्मृति, गायत्री संहिता, गायत्री तंत्र, गायत्री अभिचार, चौबीस गायत्री, गायत्री पुरश्चरण, गायत्री कवच, गायत्री स्तोत्र, गायत्री तर्पण, गायत्री लहरी, गायत्री चालीसा, गायत्री सहस्र नाम आदि का भाषा टीका समेत संकलन है। मू. 3॥)

3 गायत्री ही कामधेनु है - ऋषियों, शास्त्रकारों, महापुरुषों तथा अनेक स्त्री-पुरुषों के गायत्री संबंधी अनुभव। मू.1॥)

4 गायत्री का वैज्ञानिक आधार - अनेक तर्क प्रमाण उदाहरण एवं विज्ञान सम्मत आधार उपस्थित करके गायत्री का गुप्त विज्ञान तथा मर्म समझाया गया है।

मू. 1॥)

5 गायत्री की सर्व सुलभ साधनाएं - सर्व साधारण के लिए उपयोगी गायत्री साधनाओं की अनेक विधियाँ।

मू. 1॥)

6 वेद शास्त्रों का निचोड़ गायत्री - नित्य पाठ करने के लिए गायत्री गीता, गायत्री स्मृति, गायत्री अष्टक एवं गायत्री चालीसा का संग्रह। मू.1॥)

7 गायत्री के चौदह रत्न (प्रथम भाग) - गायत्री के ॐ, भूर्भुवः, स्वः, तत्, सवितु, वरेण्यं शब्दों की जीवन को सुविकसित, सात्विक, आदर्श महान एवं सुख शान्तिमय बनाने वाली शिक्षात्मक व्याख्या। मू. 1॥)

8 गायत्री के चौदह रत्न (द्वितीया भाग)- गायत्री के भर्गो, देवस्य, धीमहि धियो, यो, नः प्रचोदयात् शब्दों की व्याख्या द्वारा आत्म-कल्याण का महत्वपूर्ण पथ-प्रदर्शन। मू.1॥)

9 सर्व शक्तिमान गायत्री - गायत्री विद्या के महत्व को प्रतिपादित करने वाली यह अत्यन्त सस्ती पुस्तक ब्रह्मदान के रूप में अधिकाधिक संख्या में वितरण करने योग्य है। मू.1॥)

मूल्य में कमी के लिए लिखा−पढ़ी करना बिलकुल व्यर्थ है। छः रुपये से अधिक की पुस्तकें लेने पर डाक खर्च माफ ।


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