1 मई को अखंड ज्योति का गायत्री अंक प्रकाशित होगा। पृष्ठ संख्या साधारण अंक की अपेक्षा ड्यौढ़ी रहेगी पर पाठ्य सामग्री ऐसी महत्वपूर्ण होगी, जैसी कि आज तक कहीं से भी इस संबंध में प्रकाशित नहीं हुई।
गायत्री साधना के स्वयं प्राप्त हुए तथा दूसरों के सामने आये हुए अनुभवों को-सत्परिणामों को-लेख रूप में भेजने के लिए गायत्री साधकों से प्रार्थना है। जो इस विषय में विवेचनात्मक एवं खोजपूर्ण लिख सकें वे भी अपने लेख अप्रैल के अन्त तक भेजने की कृपा करें।
गायत्री अंक उतना ही छपेगा जितना अखंड ज्योति के ग्राहक हैं। इसलिए जिन्हें यह अंक प्राप्त करना हो वे शीघ्र ही ग्राहक बन जायें। पीछे इस अमूल्य अंक के लिए पछताते रहने के अतिरिक्त और कुछ प्राप्त न होगा।
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