VigyapanSuchana

November 1988

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विचार परिष्कार की दिशा में एक व्यापक कदम!

बारह वर्ष तक चलने वाला युग संधि महापुरश्चरण आश्विन नवरात्रि से आरंभ हो गया है। सन् 2000 तक वह नियमित रूप से चलता रहेगा।

इसमें सभी साधक सहभागी बनें। नित्य न बन पड़े तो साप्ताहिक रूप से इस सामूहिक साधना को चलायें। इससे मण्डलों की स्थापना क्रियाशील रहेगी और साप्ताहिक सत्संग निष्ठापूर्वक चलते रहेंगे।

युग संधि के प्रथम वर्ष की अभ्यर्थना आदर्श वाक्यों का अधिकाधिक विस्तार करके की जाय। दीवारों पर प्रेरणाप्रद वाक्य लिखे, स्टीकर्स चिपकायें, सिनेमाओं में स्लाइडें दिखाने का प्रबन्ध करे, सड़कों के सहारे बोर्ड खड़े करे, बाजारों में कपड़ों के बैनर लटकाये। जैसा भी जहाँ बन पड़े, मिशन की विचारधारा को व्यापक बनाने का प्रयत्न करें।


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