Quotation

July 1980

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

सतत पुरुषार्थ का स्थान न मेधा ले सकती है न प्रतिभा , न शिक्षा । संसार में ऐसे असंख्य मेधावी , प्रतिभाशाली तथा शिक्षित लोग भरे पडे़ हैं , जो जीवन में बिफल रहे हैं, मगर ऐसा एक भी वयक्ति नहीं मिलेगा जिसने सतत पुरुषार्थ किया हो और वह विफल रह गया हो ।

कालविन कूलिज


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles