एक सूफी सन्त , राविया से बार-बार पूछा करते थे - ‘मानव जीवन का चरम लक्ष्य क्या हैं।’
बार-बार पूछने पर राविया ने इसके उत्तर में उनके पास दो चीजें भेजी - मोम और सुई । साथ ही यह सन्देश भी दिया--’मोम की भाँति जनहित में स्वयं को गलाकर दूसरों को प्रकाश दो, जनमानस का अन्धकार दूर करो । सुई की भाँति अपने लिये कुछ भी न चाहकर दूसरों की निस्वार्थ सेवा करो। यही जीवन का सर्वोंपरि लक्ष्य हैं। इसी में प्रभु की प्रसन्नता निहित है।’