संकल्प शक्ति का सदुपयोग किया जाय!

June 1979

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

संकल्प शक्ति की महत्ता अन्य सभी प्रकार की शक्तियों से अधिक है। विश्व में जितने भी महान कार्य हुए है उनमें इस शक्ति का योगदान निश्चित रूप से जुड़ा रहा है। उथले विचार कौतूहल भले ही खड़ा कर ले, इनसे कोई बड़ा प्रयोजन सिद्ध नहीं हो सकता। उसके लिए तो दृढ़ संकल्प बल की ही आवश्यकता होती है। अनेकों व्यक्ति इस शक्ति का सदुपयोग कर स्वयं के विकास के साथ-साथ सामाजिक विकास में भी योगदान दे सकने में समर्थ हो सके हैं। जबकि कुछ व्यक्ति इस महान शक्ति का दुरुपयोग कौतूहल खड़ा करने में करते देखे जाते हैं। कुछ तो उसके प्रभाव से अपरिचित रहने के कारण गई गुजरी स्थिति में पड़े हुए पिछड़ा जीवन ही बिताते रहते हैं।

उत्तरी रोडेशिया में 27 वर्षीय युवक ‘हैवलाक व्रिग्डर’ कपड़ा सिलाई का कार्य करता था। न जाने किन प्रेरणाओं से जगने में विश्व रिकार्ड स्थापित करने की बात उसके मन में आयी। वह इसके लिए 168 घण्टे 33 मिनट लगातार जागता रहा। नवस्थापित रिकार्ड को रोडेशिया के ही 25 वर्षीय ‘डेवहेटर ‘ ने अपने लिए चुनौती माना तथा एक अनोखा संकल्प लिया। उसने निश्चय किया कि वह निरन्तर नौ दिन नौ घण्टे, नौ मिनट, नौ सेकेंड तक नहीं सोयेगा! सात दिनों तक इस संकल्प को पूरा करने में उसकी स्थिति सामान्य बनी रही किन्तु आठवें दिन उसने बोलना बन्द कर दिया। शराबियों की भाँति वह झूमने लगा किन्तु उसने हिम्मत नहीं हारी। उत्तरी कोरिया की एक महिला श्रीमती ‘वैर्थावान’ जो 55 वर्ष की हैं उन्होंने सन् 1968 में यह दिखा दिखा कि महिलाएँ इस प्रतियोगिता में पुरुष से विशेष आगे हैं। 2 दिसम्बर 1968 को उसने जगना आरम्भ किया तथा 15 दिसम्बर तक निरन्तर जगती रहीं। इस प्रकार 282 घण्टे 55 मिनट जगकर पुराने सारे रिकार्ड तोड़ दिये।

10 सितम्बर 1970 को लास एजेल्स के अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक व्यक्ति की विचित्र हरकतों ने बड़ी समस्या खड़ी कर दी। 24 वर्षीय ‘जान जीगर’ने प्रातः 6 बजे से ही लोगों से हाथ मिलाना आरम्भ किया। हवाई अड्डे पर आने जाने वालों में शायद ही कोई उसकी दृष्टि से बच पाया हो जिससे उसने हाथ न मिलाया हो। पन्द्रह घण्टे में उसने 22500 व्यक्तियों से हाथ मिलाया। यह पूछे जाने पर कि उसके मन में इस प्रकार के विचार क्यों उठे। उसने उत्तर दिया कि वह एक नया रिकार्ड स्थापित करना चाहता था जिसमें वह पूर्णतया सफल रहा।

कई व्यक्ति कीर्तिमान स्थापित करने की सनक में इस प्रकार के दुस्साहस करते देखे जाते हैं जिससे जीवन के लिए संकट उत्पन्न हो सकता है। सन् 1965 में अमेरिकी अन्तरिक्ष यात्री स्काट कारपेंटर ने 30 दिनों तक पानी के भीतर रहकर लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया। अमेरिका के वोस्टन शहर के चार गोताखोरों में पानी में अधिक दिनों तक रहने की होड़ लगी। उनमें 34 वर्षीय ‘जान वाल्कर’ तथा 31 वर्षीय कोनराडमेंकन क्रमशः 41 तथा 49 दिनों बाद एक गोलाकार मकान के पानी तल से बाहर निकल आये। किन्तु 30 वर्षीय जानकिंग तथा 38 वर्षीय एडवर्ड क्लिफटन क्रमशः 49 तथा 60 दिन तक पानी के भीतर बने रहे।

संकल्प शक्ति की अपनी महत्ता एवं उपयोगिता है। उसका दुरुपयोग इस प्रकार के मात्र कौतूहल खड़ा करने के लिए किया जाना बचकानापन है। इस महान शक्ति को सोद्देश्य नियोजित किया जा सके तो व्यक्तिगत और सामाजिक उत्थान में योगदान मिल सकता है। संकल्पशक्ति की महत्ता समझी जा सके और उसका सदुपयोग किया जा सकें तो निश्चय ही उसके बल पर ऐसे महान् कार्य सम्पादित किये जा सकते हैं जो व्यक्ति की गरिमा बढ़ा सके और समाज के लिए ऐतिहासिक अनुदान प्रस्तुत कर सकें।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles






Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118