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June 1974

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अपनी सहानुभूति और प्रेम का दान देकर प्रेमी आत्मा को दुर्बल और परावलम्बी मत बनाओ। कठोर इन्कार और बेरहम आजादी में मुझे अकेला छोड़ दो। जीवन में भयंकरता निराशा के तूफानों को सहर्ष झेलते हुए वीरता पूर्वक अपने उद्देश्य की प्राप्ति ही मुझे अधिक पसन्द है।


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