नीति श्लोक

June 1973

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अष्टाचक्रा    नवद्वारा    देवानां      पूरयोध्या ।

 तस्यां हिरण्ययः कोशः स्वर्गो ज्योतिषाऽऽवृतः ।।
— अथर्व. 10-23-1 

यह शरीर आठ चक्रों और नौ द्वारों वाली देवपुरी अयोध्या है, जिसमें सोने का एक ज्योतिस्वरूप एवं स्वर्ग-सा रमणीय प्रकोष्ठ—  मस्तिष्क है।




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