नीति श्लोक

June 1973

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सदा    शिवोक्तनि    सपादलक्ष
लयावधानानि  वसन्ति  लोके ।
नादानुसन्धानसमाधिमेकम्  
   मन्यामहे मान्यतमम् लयानाम् ।।
— योगतारावली
भगवान शिव ने मन को लय करने की अगणित साधनाएँ बनाई हैं, पर उन सब में नादनुसंधान सबस सरल और श्रेष्ठ है।


    सर्वचिन्तां  परित्यज्य  सावधानेन  चेतसा।
     नाद एवानुसन्धेयो योगसाम्राज्यमिच्छता ।

— योगतारावली
यदि योग-क्षेत्र में प्राप्त करने की आकांक्षा हो तो सब ओर से मन हटाकर नाद-साधना में तत्पर होना चाहिए।

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