एक बाल सम्मेलन के अवसर पर पंडित नेहरू बालक बालिकाओं के बीच प्रश्नोत्तर का आनन्द ले रहे थे। तभी एक बालिका ने प्रश्न किया—
“क्या आपने कभी अपना वजन भी लिया है?” पंडित नेहरू ने तुरन्त उत्तर दिया—”अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने के कारण मैंने अनेक बार अपना वजन लिया।”
बालिका ने फिर दूसरा प्रश्न किया—”अच्छा बताइये, आपका सबसे ज्यादा और सबसे कम वजन कब और कितना था?”
नेहरू ने बिना रुके कहा—”मेरा सबसे ज्यादा एक सौ बासठ पौण्ड उस समय था जब मैं अहमदनगर जेल में था और सबसे कम साढ़े सात पौण्ड वजन जब मैं पैदा हुआ तब था।”
बालिका ने ताज्जुब से पूछा— “जेल में तो वजन कम हो जाना चाहिये बढ़ कैसे गया?”
पंडित नेहरू ने उसके सिर पर हाथ फेरते हुये कहा— “उस समय मेरा वजन इस खुशी में बढ़ गया कि मैं अपने देश की सेवा में जेल का कष्ट सहन कर रहा हूँ।”