भौतिक जग के सुख (Kavita)

August 1965

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भौतिक जग के सुख वैभव का प्रस्तार रहेगा कितने दिन? क्षण-भंगुर जीवन की कलिका में सार रहेगा कितने दिन?

सुख और वासना का आखिर व्यापार रहेगा कितने दिन? जग की मृगतृष्णा में जल का संचार रहेगा कितने दिन?

सोचो मनुष्य! नश्वर जग का विस्तार रहेगा कितने दिन? जग की प्रवञ्चना करके तुम बन सकते हो सज्जन महान्,

आँखों में धूल झोंक औरों की बन सकते हो शक्तिमान, जग की प्रताड़ना करके तुम कहला सकते हो पुण्यवान्,

पर तेरा अपने पापों से उद्धार रहेगा कितने दिन? सोचो मनुष्य! नश्वर जग का विस्तार रहेगा कितने दिन?

—श्यामाकान्त द्विवेदी “आनन्द”


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