प्रलोभन और विपत्ति, यही दो मनुष्य की परीक्षा हैं। जो प्रलोभन पर फिसलता नहीं और विपत्ति में विचलित नहीं होता वही वीर पुरुष है।
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कठिनाइयां जब आती हैं तो कष्ट देती हैं, पर जब जाती हैं तो आत्म बल का ऐसा उत्तम पुरस्कार दे जाती हैं जो उन कष्टों, दुखों की तुलना में हजारों गुना मूल्यवान होता है।