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March 1942

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दुर्बलता और असावधानी से सत्य का अनुसरण करने वाला और दृढ़ता एवं सचेतता से असतय के अनुयायी किसी प्रकार संबन्ध नहीं रखता।

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वीर हृदय की दृढ़ इच्छा सहस्रों का शिर नवा देती है। एक दृढ़प्रतिज्ञ दुर्बल व्यक्ति युद्ध का फल बदल सकता है और वह भागते हुए भीमाकार मनुष्यों को लौटाकर फिर लड़ने को उद्यत कर देता है।

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हमारे जीवन का उद्देश्य केवल इच्छाशक्ति को दृढ़ बनाना है। दृढ़ मनुष्य के लिये सर्वदा ही सुअवसर और सुभीता है।

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दृढ़ प्रतिज्ञ और सत्य प्रकृति पर ही संसार चक्र चलता है।


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