गीत संजीवनी-1

गायत्री के महामंत्र से

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दसों दिशाओं में युग- युग से गूँज रही जयकार।
गायत्री के महामंत्र की, महिमा अपरम्पार॥
गायत्री के महामंत्र से, जीवन के सब पाप हरो
सुन्दर सुखी बनेगा जीवन, गायत्री का जाप करो॥
ये मंत्र है मंगलकारी, सद्बुद्धि बढ़ाने वाला।
हर साधक के जीवन में, नव ज्योति जगाने वाला।
सब कष्ट मिटाने वाला  ऽऽऽऽऽ
करो साधना तन से, मन से, दूर सभी सन्ताप करो॥
वेदों ने इसको गाया, ऋषि- मुनियों ने अपनाया।
अवतारी पुरुषों ने भी, श्रद्धा से शीश झुकाया।
सबने वाँछित फल पाया ।
कलयुग में भी इसे सुमिर कर, सब अपने अभिशाप हरो॥
युग ऋषि ने इसे जगाया, इसको सब तक पहुँचाया।
उज्ज्वल भविष्य रचने को, इसको आधार बनाया।
हम सबको धन्य बनाया, ऽऽऽ
जिसे देखकर हो प्रसन्न माँ,ऐसे क्रिया कलाप करो॥    
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