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Akhand Jyoti
Year 1982
Version 2
VigyapanSuchana
VigyapanSuchana
September 1982
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जिह्वाधो नाड़ी संछिन्नाँ रसनाँ चालयेत्सदा।
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Page Titles
आनन्द रुपमृत यद्विभाति
अध्यात्मतत्त्व ज्ञान के सात सूत्र
मनोविज्ञान को नीति विरोधी न बनने दिया जाय
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जानना तो अपने को भी चाहिए
Quotation
सृष्टि सन्तुलन के कुछ शाश्वत सिद्धान्त
Quotation
मनुष्य में नई कलम लगने में देर नहीं
Quotation
संयोग कहकर अविज्ञात को झुठलाये नहीं
VigyapanSuchana
Quotation
दुर्भाग्य ग्रस्तों की दुनिया
Quotation
मनुष्य की अदृश्य सत्ता अति समर्थ
स्वप्न सार्थक भी होते हैं!
मात्र जीवट के बल पर जीवित-हिम-मानव
काया में जल की प्रधानता-एक अद्भुत अनिवार्यता
मनीषा के भविष्य का शोध निमन्त्रण
VigyapanSuchana
ज्योतिर्विज्ञान की चुनौती भौतिकी स्वीकार करें
VigyapanSuchana
तनाव की स्थिति उत्पन्न होने ही न दें
सत्यं, शिवं, सुन्दरम की अभिव्यक्ति गायत्री मन्त्र में
यज्ञ ऊर्जा की अनुपम एवं अदभूत समर्थता
Quotation
यज्ञ से अनेकानेक आधि-व्याधियों को निराकरण
नींव और शिखर (kavita)
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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