पश्चिम जर्मनी के म्युनिक नगर में एक आठ वर्षीय बालक एलमर ने अपनी गणित संबंधी प्रतिभा से शिक्षा क्षेत्र में एक आश्चर्य उत्पन्न कर दिया है। बच्चे को चार वर्ष की उम्र में अनायास ही गणित में असाधारण रुचि उत्पन्न हुई। वह जमीन पर लकीरें खींचकर रेखागणित का अभ्यास करने लगा। पिता ने उसकी थोड़ी सहायता की तो एक वर्ष के भीतर ही रेखागणित, बीजगणित और अंकगणित का इतना ज्ञान प्राप्त कर लिया जितना प्रवेशिका कक्षाओं के अध्यापक को होता है।
एलमर के पिता डा0 एडर फिजिक्स इन्स्टीट्यूट म्युनिक में गणित प्राध्यापक हैं। वे कहते हैं बालक की गणित प्रतिभा ऐसी है जिसे विलक्षण और असाधारण ही कहा जा सकता है।
वंश परम्परा से लेकर वातावरण और प्रशिक्षण की कोई अनुकूल सुविधा न होने पर बालकों में इस प्रकार की अदभुत प्रतिभाएं जब अचानक उभर आती हैं तो मन शास्त्री यह सोचने के लिये विवश होते हैं यह कोई ऐसा संचय है जिसे पुनर्जन्म की मान्यता के आधार पर ही समझा जा सकता है।