फरिश्ते ने जैसे ही इंसान को देखा तो आश्चर्य से चकित रह गया। इंसान के मस्तिष्क पर छिटकी पसीने की प्रत्येक बूँद में भगवान विराजमान थे।
-महाकवि नागोची