आत्मा की ज्योति जगावें-
सतर्कता, जागरुकता एवं चैतन्यता आत्मा की त्रिमुखी ज्योति है, जिसके प्रकाश में मानव-जीवन का लक्ष्य स्पष्ट दृष्टिगोचर रहता है। आत्मा की त्रिमूर्तिमयी ज्योति को जाग्रत रखने वाला अनायास ही परमात्मा का साक्षात्कार कर लेता है।
इसके विपरीत संशय, अविश्वास एवं अन्धविश्वास मानव-मन की त्रिधा गंदगी है, जिसकी उपस्थिति में ठीक मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति भी पथ-भ्राँत होकर अपने लक्ष्य से दूर जा पड़ता है। मनुष्य को हर मूल्य पर इस गन्दगी को निकाल डालना चाहिए।
-योगी अरविन्द