Quotation

August 1967

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जिस प्रकार पानी की वह धारा जिसमें कोई बाँध नहीं है, गाँव के गाँव डुबा देती है और फसलों को नष्ट कर देती है, उसी प्रकार बिना रोक-टोक की लेखनी भी केवल विनाश ही करती है। यदि रोक बाहर से लगाई गई है, तो वह रोक के अभाव से भी अधिक जहरीली है।

-गाँधी जी


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