धर्मपत्नी का सहयोग

August 1967

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धर्मपत्नी का सहयोग-

महाविद्वान कैयट एक ग्रन्थ लिख रहे थे। उस महत्त्वपूर्ण कार्य को पूरा करने के लिये समय बहुत कम था अतएव उन्होंने आजीविका का भी ध्यान भुला दिया और उसे लिखने में तल्लीन हो गये।

कैयट की धर्मपत्नी, जब तक वह ग्रन्थ पूर्ण न हो गया स्वयं छोटी-मोटी मेहनत-मजदूरी कर के परिवार को रूखा-सूखा खिलाने का साधन जुटाती रही । पर उसने पति के महत्वपूर्ण कार्य में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न होने दी।


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