VigyapanSuchana

July 1961

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

गुरु पूर्णिमा का पुण्य-पर्व

ऋषि ऋण चुकाने के तकाजे के रूप में हर वर्ष गुरु पूर्णिमा पर्व आता है। इस अवसर पर गुरुजनों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने की परम्परा है, साथ ही ऋषियों द्वारा प्रस्तुत आत्म ज्ञान का अधिकाधिक विस्तार करना भी ऋषि ऋण चुकाने की दृष्टि से आवश्यक हैं।

इस वर्ष गुरु पूर्णिमा 27 जुलाई को पड़ती हैं। उस दिन हम उपरोक्त दोनों कर्तव्यों का स्मरण रखें और अपनी स्थिति के अनुरूप इन पुण्य कर्तव्यों का पालन करें।

ज्ञान प्रधान इस पुण्य पर्व पर “अखण्ड ज्योति” के सदस्य बढ़ाने के लिए प्रयत्न करना इस सब के लिये उचित और आवश्यक है।

आत्माएँ ही कर सकेंगी और महान् आत्माओं के अनेक गुणों में एक तपश्चर्या भी है। जिसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती।

अतीत इतिहास के पृष्ठ हमें इसी ओर निर्देश करते है। युग निर्माण होना है पर उसका प्राण वाचालों के नहीं तपस्वियों के कंधे पर रहेगा युग की आवश्यकता आज ऐसे ही तपस्वियों की कर रही हैं।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:







Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118