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May 1960

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जो लोग पाप करते हैं उन्हें एक न एक विपत्ति सदा घेरे ही रहती हैं, किन्तु जो पुण्यकर्म किया करते हैं वे सदा सुखी और प्रसन्न रहते हैं।

- महात्मा भीष्म

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आत्मनिरीक्षण के द्वारा जो व्यक्ति जीवन में अपना मार्ग विषयों से भरे हुये जंगल में स्वयं निश्चित करता है, वह अपना ज्ञान औरों पर नहीं बघारता बल्कि अपने आचार से औरों को उपदेश देता है।

महर्षि व्यास


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