इस बार तपोभूमि में नवरात्रि आयोजन केवल आश्रम वासियों द्वारा सम्पन्न होगा। बाहर के उपासकों को अपने-अपने यहाँ सामूहिक आयोजन करने के आदेश दिए जाते हैं।
जेष्ठ में एक मास तक ता. 14 मई से 14 जून तक साँस्कृतिक शिक्षा शिविर होगा। जिसको केवल 50 शिक्षार्थी लिए जावेंगे। 32 प्रार्थना पत्र आ चुके केवल 18 और लिए जावेंगे। जिन्हें आना हो शीघ्र आवेदन पत्र भेजकर स्वीकृति प्रदान कर लें। गायत्री परिवार सम्मेलन ता. 7 से 12 जून तक है। इसमें सम्मिलित होने को गायत्री परिवार के सभी सक्रिय कार्यकर्त्ताओं को सादर आमन्त्रण है। जो आवें वे शीघ्र ही सूचना देकर स्वीकृति प्राप्त कर लें।
बिजनौर के आत्मदानी वकील श्री अशर्फीलाल जी अपनी वकालत को लात मार कर स्थायी रूप से तपोभूमि में आ गये हैं। उनने साँस्कृतिक विद्यालय के प्रिंसिपल का उत्तरदायित्व अपने ऊपर ले लिया है। साँस्कृतिक पुनरुत्थान के लिए धर्म प्रचारक तैयार करने का अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य अब उनके द्वारा सुव्यवस्थित रूप से चलेगा।
गायत्री परिवार की कुछ शाखाएं अपनी मासिक रिपोर्ट नियमित रूप से नहीं भेजतीं। यह ठीक नहीं। ब्रह्मास्त्र अनुष्ठान के अंतर्गत कहाँ कितना जप, पाठ, लेखन, हवन आदि चल रहा है इसकी संख्या का ठीक पता चलता रहे और अनुष्ठान की कितनी पूर्ति हुई इसका हिसाब लगता रहे इसके लिए मासिक रिपोर्ट का भेजा जाना आवश्यक है। प्रत्येक शाखा को ता.10 तक अपने यहाँ की रिपोर्ट अवश्य भेज देनी चाहिए।