VigyapanSuchana

May 1946

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रसायनें फिर प्राप्त हो सकेंगी।

गत वर्ष दो रसायनें बिना मूल्य पाठकों को दी गई थी। उनसे सेवन करने वालों को जो आशातीत लाभ हुए, उससे हम लोग भी चकित हैं। ‘आज रसायन’-मस्तिष्क, हृदय और वीर्य के दोषों को दूर करती तथा इनको पुष्ट बनाती है तथा गर्भ रसायन से स्वस्थ, सुन्दर एवं प्रतिभाशाली संतति प्राप्त होती है।

गत छः महीने से यह दोनों रसायनें समाप्त हो गई थी। इससे सैकड़ों पाठकों के सन्मुख हमें विवशता प्रकट करनी पड़ी। अब जाड़ा समाप्त होते ही पर्वतीय स्थानों से वे जड़ी-बूटियाँ मंगाई गई हैं। संभवतः 20 मई तक दोनों चीजें तैयार हो जायगी। जो पाठकों को बिल्कुल बिना मूल्य मिलेगी। एक व्यक्ति को एक ही चीज दी जायगी। रजिस्ट्री पार्सल खर्च, पैकिंग व्यवस्था पत्र आदि का कुल खर्च छः आना है, जो टिकट के रूप में नहीं मनीआर्डर से भेजना चाहिए क्योंकि टिकट बीच में ही निकल जाते हैं।

-मैनेजर ‘अखंड-ज्योति’ मथुरा।


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