ईश-प्रार्थना के उपरान्त बच्चों को स्वच्छ रहने की बात नित्य कही जाती। स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता का महत्व भी बताया जाता, किन्तु फिर भी कितने ही छात्रों के कपड़े गन्दे होते कितनों के नाखून बढ़े रहते। कुछ बालों में कंघी किये बिना ही स्कूल चले आते।
अगले दिन स्कूल के समय छात्र जब स्कूल पहुँचे, तो देखा कि स्कूल के दरवाजे पर काँच, कंघी और नाखून काटने की मशीन लिए कोई बैठा है। पास जाकर देखा, तो बच्चे देखकर हैरान थे कि ये तो अपने बड़े गुरुजी हैं। सबके बाल सँवारे नाखून काटे तब कक्षा में प्रवेश दिया। उस दिन से सभी विद्यार्थी सफाई का ध्यान रखने लगे। उपदेश की अपेक्षा आचरण द्वारा शिक्षा देना अधिक प्रभावी होता है। इस प्रकार शिक्षा देने वाले और कोई नहीं, वरन् भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन थे ।