वन प्रदेश में भयंकर आँधी आने, पर वे वृक्ष उखड़ जाते हैं, जो एकाकी खड़े होते हैं। भले ही वे कितने ही विशाल क्यों न हों? इसके विपरीत घने लगे हुए पेड़ एक दूसरे के साथ सटकर रहने के कारण उस दबाव को सहज की सहन कर लेते हैं। अंधड़ उनका कुछ भी बिगाड़ नहीं पाते।
यह उदाहरण देते हुए भगवान् बुद्ध ने अपने प्रवचन में कहा-”परस्पर स्नेह की सघनता मनुष्यों को इसी तरह नष्ट होने से बचाती और विकास का अवसर प्रदान करती हैं। संघारामों में सघन पारिवारिक स्नेह का अभ्यास इसीलिए कराया जाता है।”