Quotation

November 1992

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

सर्वान कामनाप्स्यन् सर्वा विजीतीर्विजिगीजमाणः। सर्वा व्युष्टीर्य्यशिवयन्नश्वमेधेन यजेत।

अश्वमेध यज्ञ करने से सभी कामनाओं की प्राप्ति होती है तथा सर्वत्र विजयी होती है’- आश्वलायन गृहसूत्र-10/6/1

*समाप्त*


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles