अंतः को ज्योतिर्मय कर दें, ऐसे दीप जलाओ साथी

December 1988

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शान्तिकुँज की पावन तीर्थस्थली से 22 अक्टूबर को दस प्रज्ञा टोलियों क्षेत्र में अलख जगाने, युगसंधि महापुरश्चरण की महत्ता समझाकर अगणित नये साधकों को इसका सहभागी बनाने रवाना हो गई हैं। प्रज्ञा मण्डल बनाकर वे संगठन को एक सुनियोजित दिशा देती चली जा रही है। निमित्त हैं - वातावरण में सुरभि बिखेर कर अंत को ज्योतिर्मय करने वाले दीपयज्ञ।

मोदीनगर (उ.प्र.) मोटर-साइकिलों, स्कूटरों, कारों, ट्रकों तथा बसों से सुसज्जित एक विशाल जुलूस मोदीनगर से शांतिकुंज पहुंचा। माग्र के सभ नगरों में नवयुग का संदेश दिया गया। सद्वाक्य लेखन, साहित्य वितरण तथा स्टीकर चिपकाने का कार्य भी कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया। संगीत मण्डली द्वारा स्थान स्थान पर प्रेरक संगलत प्रस्तुत किए गये।

रीवाँ (म.प्र.) विन्ध्यक्षेत्र के कार्यकर्ताओं द्वारा क्षेत्र के लगभग एक हजार भावनाशील परिजनों को स्पेशन ट्रेन द्वारा संकल्पसत्र में सम्मिलित करने की व्यवस्था बनाई जा रही है। इस निमित्त पूरे विन्ध्यक्षेत्र के कार्यकर्ताओं की विशेष गोष्ठी बुलाई गई, जिसमें लगभग 100 शाखाओं के सक्रिय कार्यकर्ता सम्मिलित हुए। प्रत्येक शाखा से भावनाशील परिजनों को तैयार करने, संपर्क क्षेत्र में दीपयज्ञ आयोजित करने तथा स्टीकर आन्दोलन को गति देने की विशेष प्रेरणा दी गई।

सतना (म.न्र.) पाँच सो एक वेदीय दीपयज्ञ गायत्री शक्तिपीठ मुख्त्यार गंज में भाव भरे वातावरण में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए नगर के प्रबुद्ध वर्ग में होड़ जैसी लग गई। समूचा कार्यक्रम स्थल खचाखच भर गया। दीपयज्ञ की महत्ता से प्रभावित होकर अपने अपने संपर्क क्षेत्र में ज्ञान की ज्योति प्रज्ज्वलित करने तथा शाँतिकुँज पहुंचकर महानता से जुड़ने के लिए लगभग 200 परिजन संकल्पित हुए।

रामपुर मथुरा (उ.प्र) दीपयज्ञायोजन भाव भरे वातावरण में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की सफलता में नवयुवकों का सराहनीय योगदान रहा। वर्तमान परिस्थितियों में दीपयज्ञों की उपयोगिता से जन समूह अत्यधिक प्रभावित हुआ। अपने संपर्क क्षेत्र में अधिकाधिक पत्रिकाओं के सदस्य बनाने का संकल्प सभी ने मिल कर लिया।

बवराल बदायूँ (उ.प्र.) क्षेत्रीय विधायक तथा मंत्री श्री बृजेन्द्रपाल सिंह जी की उपस्थिति में सहस्वेदीय दीपयज्ञ आयोजन उल्लास भरे वातावरण में सम्पन्न हुआ। आपसी मतभेदों को भुला कर हर वर्ग के लोगों ने ज्ञात गंगा में स्नान कर अपने को कृत कृत्य अनुभव किया। मंत्री महोदय ने भी इस कार्यक्रम को अत्यधिक प्रेरक बताया।

नेलोर (आँध.पव्र.) दीपयज्ञायोजन आशातीत सफलताओं के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन गुटूर शाखा के कर्मठ कार्यकर्ता डॉ.टी.शिवरामकृष्ण रेड्डी ने किया। अधिकाधिक प्रज्ञा मंडलों की स्थापना का संकल्प लिया गया।

पहाडपुर (उ.प्र.) सत्संग मण्डलों के गठन तथा रचनात्मक कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की व्यवस्था बनाने के साथ दीपयज्ञायोजन प्रेरणादायी वातावरण में सम्पन्न हुआ। दीपयज्ञ की व्याख्या से प्रबुद्धवर्ग अत्यधिक प्रभावित हुआ।

जमुका, उन्नाव (उ.प्र.) दीपयज्ञ कार्यक्रम भाव भरे वातावरण में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में अधिकाँश प्रबुद्धवर्ग ही उपस्थित रहा। सत्संग मण्डलों की स्थापना के साथ स्टीकर आन्दोलन के माध्यम से मूल प्रेरणा देने हेतु भी संकल्प लिये गये

माधोगंज, हरदोई (उ.प्र.) प्राणप्रतिष्ठा समारोह तथा दीपयज्ञायोजन उल्लास भरे वातावरण में सम्पन्न हुआ। शान्ति कुँज में संकल्पसत्र में सम्मिलित होने तथा युगसंधि पुरश्चरण में भागीदारी बनने हेतु सैकड़ों परिजन संकल्पित हुए।

चन्दौसाी, मुरादाबाद (उ.प्र.) डॉ. देवेन्द्र पाठक के सराहनीय प्रयास से दीपयज्ञ कार्यक्रम आशातीत सफलताओं के साथ सम्पन्न हुआ। स्टीकर आन्दोलन को गति देने तथा हर शिक्षित तक युग साहित्य पहुँचाने की व्यवस्था स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा करने का संकल्प लिया गया।

चूरु (राज.) श्री हरीराम शर्मा द्वारा लगभग 4 जार स्टीकर समूचे क्षेत्र में लगाने का संकल्प लिया गया है। अभी तक दो हजार स्टीकर दुकानों घरों तथा में लगाये जा चुके है।

बड़ौदा (गुज.) श्री दिनकर भाई द्वारा एक लाख स्टीकर संपर्क क्षेत्र में लगाने का भाव - भरा संकल्प क्या गया है। हर शिक्षित को मूक प्रेरणा देने का यह प्रयास अन्यों के लिए प्रेरणादायी बन रहा है।

भीलवाड़ा (राज.) संकल्प सत्र में सम्मिलित होकर श्री बनवारी लाल झँवर द्वारा एक लाख स्टीकर घर-घर पहुँचाने, दुकानों, बसों, में लगाकर मूक प्रेरणा देने का प्रेरणादायी संकल्प लिया गया है।

प्रतापगढ़ (उ.प्र.) नगर के प्रतिष्ठित नागरिकों की उपस्थिति में डॉ. सम्पूर्णानन्द जी द्वारा समूचे क्षेत्र में प्रज्ञा आलोक के वितरण की व्यापक व्यवस्था बनाई गई। इस वर्ष दो हजार अखण्ड ज्योति के सदस्य बनाने का संकल्प लिया गया।

झाँसी (उ.प्र.) शतवेदीय दीपयज्ञ कार्यक्रम में उपस्थित कई लोगों ने देव दक्षिणा स्वरूप अपने दोष दुर्गुणों का त्याग किया। प्रायश्चित स्वरूप अपने क्षेत्र में प्रज्ञा साहित्य पहुँचाने के लिए संकल्पित हुए।

लीमड़िया, पंचमहाल (गुज.) समूचे क्षेत्र में 111 गाँवों में दीपयज्ञ आयोजन के माध्यम से महाप्रज्ञा के आलोक वितरण की व्यवस्था बनाई गई है। श्री रामजी भाई जी. गरासीया के नेतृत्व में पाँच सदस्यों की टोली स्टीकर आन्दोलन के अंतर्गत घरों, दुकानों, ऑफिसों एवं बसों में स्टीकर लगाने, सद्वाक्य लिखने तथा प्रज्ञा साहित्य पहुँचाने में संलग्न है।

पाथाखेड़ा (बैतूल, म.प्र.) युगशिल्पी सत्र से वापस जाने के बाद से परिजनों में अभूतपूर्व उत्साह है। समूचे क्षेत्र में दीपयज्ञ, स्टीकर आन्दोलन, सद्वाक्य लेखन के साथ-साथ अब तक आ रही 160 पत्रिकाओं की संख्या दुगुनी करने का प्रयास सामूहिक रूप से चल रहा है।

वाराणसी (उ.प्र.) वाराणसीमंडल के कार्यकर्ताओं की गोष्ठी समूचे क्षेत्र में प्रज्ञा आलोक के विस्तार की व्यापक योजना बनाने के साथ सम्पन्न हुई समीपवर्ती शाखाओं से आये कार्यकर्ताओं को युगसंधि महापुरश्चरण में सम्मिलित होने, शांतिकुंज में चल रहे सत्रों में भावनाशील परिजनों को भेजने तथा समूचा क्षेत्र में दीपयज्ञों की व्यापक श्रृंखला निर्धारित करने की प्रेरणा दी गई।

मण्डावली, बिजनौर (उ.प्र.) सहस्रवेदीय दीप यज्ञायोजन सानन्द सम्पन्न हुआ। श्रद्धावान ग्रामीण जनता ने देव दक्षिणा स्वरूप अपनी एक-एक बुराई छोड़ने तथा एक अच्छाई ग्रहण करने का संकल्प लिया।

अंजड़, खरगोन (म.प्र.) स्थानीय महिला शाखा द्वारा कुटीर उद्योग के अंतर्गत सिलाई, बुनाई का निःशुल्क प्रशिक्षण आरम्भ किया है। महिला मण्डलों की स्थापना तथा दीपयज्ञों के माध्यम से महाप्रज्ञा के आलोक वितरण की व्यवस्था भी बनाई जा रही है।

बरेली (उ.प्र.) चौबीस सहस्रवेदीय दीपयज्ञ का भव्य कार्यक्रम भाव-भरे वातावरण में सम्पन्न हुआ। त्रिदिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी श्री आर.के. शर्मा ने किया। समारोह का शुभारम्भ करते हुए श्री शर्मा ने किया। समारोह का शुभारम्भ करते हुए श्री शर्मा ने आशा व्यक्त की कि वर्तमान विभीषिकाओं से बचाकर मानवता को उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाने में गायत्री परिवार जैसी संस्थायें ही समर्थ हो सकती है। उद्घाटन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री केवलानन्द भट्ट द्वारा किया गया।

पटना (बिहार) कर्मठ कार्यकर्ताओं की पदयात्रा टोली पटना से शान्तिकुँज के लिए उत्साहपूर्ण वातावरण में विदा हुई। मार्ग में पड़ने वाले नगरों में युगचेतना के विस्तार के लिए वाहनों, घरों, दुकानों, ऑफिसों में स्टीकर चिपकाने, सद्वाक्य लिखने तथा अखण्ड-ज्योति के नियमित सदस्य बनाने के प्रयास व्यापक स्तर पर किए जा रहे है।

मेरठ (उ.प्र.) गायत्री ज्ञान मन्दिर शास्त्रीनगर में आयोजित दीप यज्ञायोजन उल्लासपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। युगधर्म के अनुरूप दीप यज्ञायोजनों की व्यवस्था का शिक्षित जन समुदाय पर अत्यधिक प्रभाव पड़ा। महानता से जुड़ने के लिए शान्तिकुँज में चल रहे सत्रों में सम्मिलित होने के लिए सैकड़ों भावनाशील परिजन तैयार हुए।

पन्तनगर (उ.प्र.) फिल्म निदेशक डॉ. ए. अरविन्द की उपस्थिति में दीप यज्ञ कार्यक्रम सोल्लास सम्पन्न हुआ। अनचीन्हे अनजाने टी.वी. सीरियल की शूटिंग के लिए आये श्री अरविन्द दीपयज्ञ कार्य क्रम से अत्यधिक प्रभावित हुए। उन्होंने पूरे कार्यक्रम की वीडियो रिकार्डिंग करवाई। इसके महत्वपूर्ण अंशों को अपने सीरियल में सम्मिलित करने की भी इच्छा व्यक्त की।


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