VigyapanSuchana

July 1984

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सूचना- प्रज्ञा परिजनों में से जिन्हें जन-संपर्क, संगीत, प्रवचन का अभ्यास हो, उनकी देशव्यापी प्रज्ञा आयोजनों की जीप टोलियों में भेजे जाने की आवश्यकता है। जाने से पहले एक महीने की ट्रेनिंग दी जायगी। ट्रेनिंग में संगीत समेत वे सभी प्रवीणताएं सिखाई जायेंगी जिनके आधार पर वे प्रज्ञा पुरश्चरण आयोजनों को सफल बना सकें।

जिनमें शारीरिक और मानसिक स्फूर्ति होगी उन्हें मोटर ड्राइविंग की शिक्षा भी दी जायगी। हर जीप के पीछे पाँच स्वयं सेवक जायेंगे। सभी को भोजन बनाने, मोटर साफ रखने, यज्ञशालाएं रंगने, तथा अन्य छोटे बड़े कार्य मिल-जुलकर करने होंगे। सभी निरहंकारी होंगे। शिक्षा, परिवार, आदि का कोई ऐसा गर्व न करेंगे- जिससे परस्पर भेदभाव बने।

प्रज्ञा-पुरश्चरण की जीप टोली योजना सन् दो हजार तक इसी प्रकार चलेगी। इसके उपरांत भी अनेकों प्रचारात्मक, रचनात्मक, सुधारात्मक कार्यक्रम आगे भी चलते रहेंगे। इनमें भाग लेने के लिए न्यूनतम पाँच वर्ष का समयदान देना चाहिए। जो आजीवन रहना चाहें, उनका परिवार छोटा हो तो उसके निर्वाह तथा शिक्षा-दीक्षा का भी प्रबन्ध है। जिन्हें रुचि हो शान्ति-कुँज हरिद्वार के पते पर पत्र व्यवहार कर लें।


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